एक बार तो राधा बनकर देखो मेरे सांवरियां, श्लोक "जो मै ऐसा जानती, प्रीत करे दुख होय, नगर ढिंढोरा पीटती, प्रीत ना करिये कोई।" एक बार तो राधा बनकर देखो, मेरे सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥ क्या होते है आँसु क्या पीड़ा होती है, क्यू दर्द उठता है क्यू आँखे रोती है, एक बार आँसु तो बहाकार, देखो सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥ जब कोई सुनेगा ना तेरे मन के दुखडे, जब ताने सुन सुन कर होंगे दील के टुकडे, एक बार तो ताने सुनकर, देखो सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥ क्या होती है आशा क्या होती निराशा, एक बार तुम प्रेम करके, देखो सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥ पनघट पे मधुवन मे वो इंतज़ार करना, कही श्याम तेरे खातिर वो घुट घुट के मरना, एक बार किसी का इंतज़ार कर, देखो सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥ एक बार तो राधा बनकर देखो, मेरे सांवरियां, राधा यूँ रो रो कहे॥॥.................